Lok Sabha Election 2024: धनबाद में बांग्लादेश व नेपाल में जन्मे नेता भी बने सांसद, यहां रोचक रहा है चुनाव का इतिहास

Lok Sabha Election 2024 राजनीतिक दलों के उम्मीदवार चुनावी भाषण के दौरान एक-दूसरे पर आरोप लगाते हुए वोट बटोरने की भरपूर कोशिश करते हैं लेकिन मतदाताओं को इन सबसे फर्क नहीं पड़ता है। प्रत्याशी उनकी पसंद और काम करने वाला होना चाहिए। धनबादवासियों ने तो बांग्‍लादेश और नेपाल में जन्‍मे शख्सियतों को अपना सांसद चुना है। स्वतंत्रता के बाद ये लोग यहीं रच बस गए थे।

राकेश कुमार महतो, धनबाद। चुनाव की सुगबुगाहट होते ही पार्टियों में आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो जाता है। बाहरी-भीतरी का कार्ड भी खूब खेला जाता है। राजनीतिक दलों के उम्मीदवार चुनावी भाषण के दौरान इस कार्ड से वोट बटोरने की भरपूर कोशिश करते हैं। हालांकि मतदाताओं को इससे बहुत अधिक फर्क नहीं पड़ता।

बाहरी देशों में जन्‍मे लोगों को धनबादवासियों ने बनाया सांसद

प्रत्याशी उनकी पसंद और काम करने वाला होना चाहिए। स्वतंत्र भारत में लोकतंत्र के महापर्व की शुरुआत 1951-52 में हुई। उस समय धनबाद संसदीय क्षेत्र को मानभूम उत्तरी कहा जाता था।

देश में कांग्रेस का दबदबा था। तब से आज तक इस संसदीय क्षेत्र से ऐसे ही प्रत्याशियों ने विजय का स्वाद चखा, जिनका जन्म धनबाद से बाहर या दूसरे राज्यों में हुआ है। यहां तक कि बांग्लादेश व नेपाल जन्मे लोगों को भी धनबादवासियों ने सांसद बनाया। स्वतंत्रता के बाद ये लोग यहीं रच बस गए थे।

पहले सांसद बने बांग्लादेश के पीसी बोस

प्रभातचंद्र बोस कांग्रेस पार्टी के दिग्गज नेताओं में से एक थे। वह बांग्लादेश के जेसोर जिला के रहने वाले थे। धनबाद लोकसभा क्षेत्र पश्चिम बंगाल की सीमा से सटा था। इसलिए मानभूम जिला कहा जाता था। धनबाद में उनकी पकड़ मजबूत थी।

पहले आम चुनाव में उन्होंने 92 हजार 752 वोट हासिल किए और विरोधी प्रत्याशी को 9543 वोट से हराया था। वर्ष 1967 का आम चुनाव कांग्रेस ने इंदिरा गांधी के नेतृत्व में लड़ा था। इंदिरा लहर के बावजूद गैर मान्यता प्राप्त पार्टी जनक्रांति दल की उम्मीदवार रानी ललिता राज लक्ष्मी ने कांग्रस प्रत्याशी एपी शर्मा को हरा दिया था। रानी ललिता का जन्म काठमांडू (नेपाल) में हुआ था। राजशाही ( वर्तमान बांग्लादेश) में जन्मे मासस के एके राय इस संसदीय सीट से तीन बार जीते।

धनबाद में अब तक के सांसद

नामसांसद बनेजन्‍म तिथि व स्‍थान
पीसी बोस1952-195717 अगस्त 1899, जेसोर (बांग्लादेश)
पीआर चक्रवर्ती 1962पुरुलिया (बंगाल)
रानी ललिता राजलक्ष्‍मी196725 फरवरी 1936, काठमांडू (नेपाल)
आरएन शर्मा197131 अगस्त 1915, छपरा बिहार
एके राय1977, 1980, 198915 जून 1935, राजशाही (बांग्लादेश)
शंकर दयाल सिंह198424 दिसंबर 1925 छपरा (बिहार)
रीता वर्मा1991, 1998, 199915 जुलाई 1953, पटना (बिहार)
चंद्रशेखर दुबे2004दो जनवरी 1946, गढ़वा (झारखंड)
पशुपतिनाथ सिंह2009, 2014, 201911 जुलाई 1949, लखनपुर पटना

आठ लोस चुनावों में धनबाद से भाजपा सात बार विजयी

धनबाद क्षेत्र शहरीकरण की ओर बढ़ता जा रहा है। इसलिए यहां राष्ट्रीय पार्टी विजयी होती रही है। गुजरे आठ लोकसभा चुनावों में भाजपा ने सात में जीत हासिल की है। 1991 में रीता वर्मा संसद तक पहुंची। लगातार चार बार सांसद रहीं। फिर 2004 में कांग्रेस पार्टी से चंद्रशेखर दुबे विजयी हुए। इसके बाद 2009 से अब तक पशुपतिनाथ सिंह ने धनबाद का प्रतिनिधित्व किया।

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