
कुपोषित बच्चों की पहचान, उपचार एवं फॉलोअप की दी गई विस्तृत जानकारी
पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत शुक्रवार को नावाडीह प्रखण्ड कार्यालय सभागार में सेक्टर 1, 2 एवं 5 की सेविकाओं को समर/सीएमएएम (सामुदायिक आधारित प्रबंधन प्रणाली) कार्यक्रम को सफल बनाने हेतु एक दिवसीय प्रशिक्षण दिया गया।
कुपोषण मुक्त समाज की दिशा में संवेदनशील प्रशिक्षण

प्रशिक्षण सत्र में सेविकाओं को बताया गया कि वे कुपोषित एवं गंभीर रूप से कुपोषित बच्चों की पहचान कैसे करें और सामाजिक एवं सामुदायिक सहयोग के माध्यम से उन्हें पोषण युक्त बनाने के लिए मुखिया, एएनएम एवं अन्य स्वास्थ्यकर्मियों के साथ किस प्रकार समन्वय करें।
भूख की जांच, फॉलोअप और समर एप की दी जानकारी

सेविकाओं को कुपोषण के प्रकार, भूख की जांच की सही प्रक्रिया एवं कुपोषित बच्चों का समर एप पर डेटा इंट्री करने की विधि बताई गई। इसके अलावा, उन्हें यह भी बताया गया कि कुपोषित बच्चे का 16 सप्ताह का फॉलोअप आवश्यक है। जिसमें 8 सप्ताह आंगनबाड़ी केंद्र में तथा 08 सप्ताह गृह भ्रमण कर फॉलोअप किया जाएगा।
सत्र के अंत में सेविकाओं को समर/सीएमएएम कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए शुभकामनाएं दी गई एवं उनके प्रयासों की सराहना की गई।