
श्याम सुंदर जैन जी के असमय निधन का समाचार अत्यंत दुखद और स्तब्ध कर देने वाला है।
वास्तव में उन्होंने अपने जीवन को समाज के लिए मर मिटने का एक जीवंत उदाहरण बना दिया। बीते 3–4 दशकों से वे लगातार समाज सेवा में समर्पित रहे। हर कार्यक्रम, हर ज़रूरत के समय वे सबसे पहले उपस्थित रहते थे — शांत स्वभाव, सौम्य मुस्कान और जिम्मेदारी को खुशी-खुशी निभाने वाले व्यक्ति थे।
वे हमेशा टीम भावना में विश्वास रखते थे, सबको साथ लेकर चलने वाले, कभी श्रेय की चिंता न करने वाले सच्चे समाजसेवी और योद्धा थे। उनका नेतृत्व पद के लिए नहीं, बल्कि सेवा के लिए था।
उनकी कमी हमेशा महसूस की जाएगी। यह केवल एक व्यक्ति का नहीं, बल्कि पूरे समाज का बहुत बड़ा नुकसान है।
ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करें और उनके परिवार व समाज को इस दुख को सहने की शक्ति दें।
