
सेमिनार में कॉलेज के बीएड, डीएलएड के छात्र छात्राओ सहित कुरा,चाकुलिया,काशीझरिया एंव भंड्रो के ग्रामीणों ने इस कार्यक्रम में हिस्सा लिया। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य था की शिक्षा और भाषाई परिदृश्य के क्षेत्र में 21वी सदी को आकार देने वाले भविष्य के लिए डिजिटल साक्षारता का क्या महत्व है आदि महत्वपूर्ण विषयों पर प्रकाश डाला गया। इन विषयों को जीवन को जीवन शैली में जोड़ने का अनुरोध करते हुए मुख्य अतिथि सिटी कॉलेज के प्राचार्य डा.एसके शर्मा ने कहा की आज अपनी भाषा सीखते हुए और उस माध्यम से अन्य विषयों को सीखना सुखद होगा। मसलन समाजिक विज्ञान, पर्यावरण और इससे जुड़े में भारत से परिचय भारत की भाषा में निश्चित ही सरल होगा और सीखने के प्रति चाव पैदा करेगा। उन्होंने कहा की डिजिटल तकनीक हमारे दैनिक जीवन के हर क्षेत्र को प्रभावित कर रही हैं। डिजिटल साक्षारता सिर्फ कौशल नहीं है। यह एक आवश्यकता है। यह व्यक्तिओं को जानकारी तक पहुंचने, प्रभावी ढंग से संवाद करने, रोजगार सुरक्षित करने गंभीर रूप से सोचने और डिजिटल परिदृश्य को जिम्मेवारी से नेविगेट करने का अधिकार देता हैं। इस अवसर पर कॉलेज के संस्थापक अरविंद कुमार चौधरी ने कहा कि आज के इस टेक्नोलॉजी के दौर पर हमें सजग और तत्परता से आगे बढ़ने की जरूरत है। समस्या के आधार पर हमें इमानदारी पूर्वक कार्यो का निष्पादन करना आवश्यक है। सेमिनार का उद्घाटन के पश्चात मुख्य अतिथि को पुष्प गुच्छ और शॉल प्रदान कर स्वागत किया। मौके पर प्राचार्या डाक्टर रंजना कुमारी प्रचार्य चास कॉलेज चास डाक्टर बीएन महतो डाक्टर रघुबर सिंह डाक्टर केएन झा डाक्टर मोहम्मद फैज अहमद डाक्टर मौसमी चक्रवर्ती डाक्टर नीरज कुमार प्रोफेसर सुभाष चंद्र राय, रमेश कुमार चौधरी, अवधेश सिंह सहित अन्य शिक्षक, शिक्षकेत्तर, कर्मचारी उपस्थित थे।